जिसने प्रेम किया है

उसके होंठों की सनसनी
तुम्हें वर्षों बाद अपने मुँह पर
च्विंग-गम सी चिपटी मिलेगी
तुम मायूस हो जाओगे
मगर उस टूटे आईने में जो कि तुम ख़ुद हो
मुस्कुराते दिखाई दोगे
तुम्हारे सीने में दबी उसकी हँसी
प्रेशर कुकर में पॉपकॉर्न के दाने सी लुढ़कती
अचानक फूटकर बन जायेगी फूल
और तुम पाओगे प्रेम और कुछ नहीं
तुम्हारे अंदर घुमड़ता खूब पानी से भरा
एक बादल भर है

एक परिचित स्वर
रॉंग नंबर बोलकर काट देगा फ़ोन
तुम ठिठके रह जाओगे जैसे जलता कपूर
बिना राख छोड़े गंध बन बिखर जाता है
सभी आँखें ताकेंगी तुम्हारी ओर, और तुम
बिना आवाज़ किये रोओगे
तुम नदी की दिशा में उतरते चले जाओगे
क्रमबद्ध बीतेंगे स्ट्रीट लाइट
लम्बी छोटी होती रहेगी तुम्हारी परछाई
शामें टूट जायेंगी हाथ से फिसलकर
और तुम पाओगे प्रेम आकाश में थोड़ी सी जगह है
जहाँ चील झपटते हैं एक दूसरे पर
जहाँ पतंग काटते हैं दूसरे की कन्नी
तुम बहुत नीचे उतरते चले जाओगे
सबसे गहरे जंगल के एकांत में
जैसे मकड़ी जकड़ती है धूप अपने जाले में
जैसे माटी जकड़ती है आम की आठी
प्रेम जकड़े रखेगा तुम्हें

साथी !
यहाँ आकर देखो
जिसने प्रेम किया है बतायेगा –
बचपन की रेडियम घड़ी दिखाने को तुम
मुट्ठी भर अँधेरा करोगे
कलाई पर चक-चक चमकेगा
उसका स्पर्श ।

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