2015-2016 में कोलकाता से प्रकाशित इंडियारी पांच भाषाओं की ऑनलाइन साहित्यिक पत्रिका थी, जिससे मैं हिंदी-संपादक के रूप में जुड़ा हुआ था. हिंदी के अलावा हम मलयालम, कन्नडा और अंग्रेजी साहित्य के अलग-अलग अंक हर दो महीने पर निकालते थे. इन अंकों की चयनित सामग्री का अनुवाद बाकी चारों भाषओं में भी किया जाता था, ताकि इन भाषाओं के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा मिले. हर महीने इंडियारी वेबसाइट में फिल्म, फोटोग्राफी इत्यादि के ऑनलाइन महोत्सव भी कराये जाते थे.
इंडियारी की वेबसाइट में हम एक ऑनलाइन पुस्तकालय भी चलाते हैं जहाँ पांच लाख से अधिक पुस्तकें फ्री डाउनलोड के लिए उपलब्ध कराए गए हैं.